भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियां
भारतीय संविधान अनुसूचियां 1 से 12 |
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पहली अनुसूची – राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और उनके प्रदेशों की सूची
इसमें भारतीय संघ के घटक राज्यों (28 राज्य) एवं संघ शासित (8) क्षेत्रों का उल्लेख है. |
द्वितीय अनुसूची – राष्ट्रपति, राज्यपालों, राज्यों के अध्यक्ष, अध्यक्ष और लोक सभा के उपाध्यक्ष और राज्यों की परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष और विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष और अध्यक्ष किसी राज्य के विधान परिषद के उपाध्यक्ष, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और उच्च न्यायालय और भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और उनके क्षेत्रों की सूची।
इसमें भारत राज-व्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारियों (राष्ट्रपति, राज्यपाल, लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, राज्य सभा के सभापति एवं उपसभापति, विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति एवं उपसभापति, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक आदि) को प्राप्त होने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन का उल्लेख किया गया है. |
तीसरी अनुसूची – शपथ का प्रारूप।
इसमें विभिन्न पदाधिकारियों (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मंत्री, उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों) द्वारा पद-ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है. |
चौथी अनुसूची – राज्यों की परिषद में सीटों के आवंटन का प्रावधान।
इसमें विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों की राज्य सभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है. |
पांचवीं अनुसूची – अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण का प्रावधान।
इसमें विभिन्न अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजाति के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उल्लेख है. |
छठी अनुसूची – असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के प्रावधान।
इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में प्रावधान है. |
सातवीं अनुसूची – संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची।
(1) संघ सूची: इस सूची में दिए गए विषय पर केंद्र सरकार कानून बनाती है. संविधान के लागू होने के समय इसमें 97 विषय थे, वर्तमान समय में इसमें 98 विषय हैं. |
आठवीं अनुसूची – मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची। Initially 14 Languages were there but now 22 Languages are there in constitution.
इसमें भारत की 22 भाषाओँ का उल्लेख किया गया है. मूल रूप से आंठवीं अनुसूची में 14 भाषाएं थीं, 1967 ई० में सिंधी को और 1992 ई० में कोंकणी, मणिपुरी तथा नेपाली को आंठवीं अनुसूची में शामिल किया गया. 2004 ई० में मैथिली, संथाली, डोगरी एवं बोडो को आंठवीं अनुसूची में शामिल किया गया. |
नौवीं अनुसूची – कुछ अधिनियमों और विनियमों के सत्यापन के प्रावधान।
संविधान में यह अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम, 1951 के द्वारा जोड़ी गई. इसके अंतर्गत राज्य द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख किया गया है. इन अनुसूची में सम्मिलित विषयों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है. वर्तमान में इस अनुसूची में 284 अधिनियम हैं. नोट: अब तक यह मान्यता थी कि नौवीं अनुसूची में सम्मिलित कानूनों की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती. 11 जनवरी, 2007 के संविधान पीठ के एक निर्णय द्वारा यह स्थापित किया गया कि नौवीं अनुसूची में सम्मिलित किसी भी कानून को इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि वह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है तथा उच्चतम न्यायालय इन कानूनों की समीक्षा कर सकता है. |
दसवीं अनुसूची – दलबदल के आधार पर अयोग्यता के प्रावधान। यह संविधान में 52वें संशोधन, 1985 के द्वारा जोड़ी गई है. इसमें दल-बदल से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख है. |
ग्यारहवीं अनुसूची – पंचायतों की शक्तियाँ, अधिकार और उत्तरदायित्व। यह अनुसूची संविधान में 73वें संवैधानिक संशोधन (1993) के द्वारा जोड़ी गई है. इसमें पंचायतीराज संस्थाओं को कार्य करने के लिए 29 विषय प्रदान किए गए हैं. |
बारहवीं अनुसूची – नगर पालिकाओं की शक्तियाँ, अधिकार और उत्तरदायित्व। यह अनुसूची 74वें संवैधानिक संशोधन (1993) के द्वारा जोड़ी गई है इसमें शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को कार्य करने के लिय 18 विषय प्रदान किए गए हैं.
भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियां
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