पुलिस में पदों को लेकर बहुत सारे लोग कंफ्यूज रहते हैं | वो नहीं जान पाते कि DSP, ASP, SSP , SP में कौन बड़ा होता है तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि पुलिस विभाग में कौन कौन से पद होते हैं | सबसे बड़ा पुलिस अधिकारी कौन होता है | कहाँ से शुरू होती है पुलिस में पदों की hierarchy. पुलिसवाले की वर्दी देख कैसे पता लगाएं कि उनकी रैंक क्या है , वर्दी पर लगे सितारों से हो जाती है पहचान|
जैसा कि आप जानते हैं कि भारत में लगभग सभी प्रदेशों की पुलिस वर्दी का रंग खाकी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके पदों की पहचान कैसे की जाती है? दरअसल, इनकी पहचान वर्दी के ऊपर लगे स्टार या बैज के जरिये की जाती है| पुलिस महकमे में कई सारे पद होते हैं| पुलिस वालों के पद की पहचान उनके कंधे पर लगे सितारों एवं बैज (Star & Badge) से की जाती है.
आरम्भिक दौर में इनकी वर्दी पर कोई भी चिन्ह या बैज नहीं होता है | पुलिस महकमे में कर्मचारियों या नॉन गैजेट पोस्ट पर यह सबसे निचला पायदान होता है | इन्हे ही हम सिपाही भी कहते हैं | अगर आप पुलिस में आरक्षी या कॉन्स्टेबल बनना चाहते है तो आपको इस विभाग के विज्ञापन को देखना होगा | भर्ती से सम्बंधित सभी सूचनाएं विज्ञापन में ही मिलेंगी |
कुछ वर्षो तक आरक्षी या कॉन्स्टेबल के पद पर सेवा देने के बाद प्रमोशन होता है और फिर वो व्यक्ति सीनियर कॉन्स्टेबल हो जाता है | सीनियर कांस्टेबल की वर्दी के बाजू पर एक सफ़ेद कलर की तिकोनी पट्टी होती है जिसमे दो लाइन होती हैं | और कंधे पर कोई सितारा नहीं होता है |
इन्हें हम पुलिस विभाग के हवलदार नाम से भी जानते हैं | भारत के अधिकतर राज्यों में आप कॉन्स्टेबल -> सीनियर कॉन्स्टेबल पद से प्रमोशन लेकर ही हेड कांस्टेबल या मुख्य आरक्षी बन सकते हैं लेकिन दिल्ली पुलिस में इसके लिए सीढ़ी भर्ती निकाली जाती है | इनके कंधे पर कोई स्टार नही लगा होता है लेकिन साइड में आस्तीन पर तीन सेवरोन लगी एक सफ़ेद कलर की पट्टी होती है.
इस पद पर काम करने वाले व्यक्ति को पुलिस चौकी या इन्वेस्टीगेशन सेंटर का इन्चार्ज बनाया जा सकता है| लगभग 5 से 7 साल हेड कांस्टेबल के पद पर काम करने के बाद प्रमोशन होने पर ASI बन सकते हैं| इनके कंधे पर 1 स्टार और लाल, नील रंग की दो पट्टी होती हैं.
दो तरह से दरोगा या सब इंस्पेक्टर बन सकते हैं पहला सीढ़ी भर्ती और दूसरा प्रमोशन से|| उप निरीक्षक एक पुलिस चौकी का इन्चार्ज होता है और वहां के सभी कामों को देखता है इन्हें दरोगा भी कहा जाता है| दरोगा की भर्ती ग्रेजुएशन बेस पर भी की जाती है. एएसआई के पद से प्रमोशन होकर भी आप दरोगा बन सकते हैं. इनके कंधे पर दो स्टार होते हैं और लाल, नीले रंग की पट्टी होती है.
पुलिस इंस्पेक्टर पुलिस स्टेशन का इंचार्ज होता है इनके लिए कोई डायरेक्ट भर्ती नही निकलती है आप सब इंस्पेक्टर के पद से प्रमोशन लेकर ही पुलिस इंस्पेक्टर बन सकते हैं. इनके कंधे पर तीन स्टार लगे होते हैं और लाल, नीले रंग की पट्टी होती है. इन्हे ही SHO या कोतवाल भी कहा जाता है
इनके कंधे पर तीन स्टार लगे होते है और राज्य का नाम लिखा होता है | पुलिस आयुक्त प्रणाली में इस पद को ACP (Assistant Commissioner of Police) भी कहा जाता है. IPS अधिकारीयों को कुछ महीनों के लिए DSP बनाया जाता है | राज्य की सिविल सेवा परीक्षा से भी DSP पद के लिए चयन होता है | मगर इन्हे अगले पद पर जाने के लिए एक लम्बी सेवा अवधी बितानी होती है
ये आईपीएस ऑफिसर के ट्रेनिंग का समय होता है इसमें 1 साल में 1 स्टार और IPS (Indian Police Service) लिखा होता है और आरम्भिक दौर में 2 साल में 2 स्टार और IPS लिखा होता है और अगले 3 साल में 3 स्टार और IPS लिखा होता है| इस वक़्त ये DSP के तौर पर ही कार्यभार सँभालते हैं
ये ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद ये एडिशनल सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस (अपर पुलिस अधीक्षक) बनते है. इनके कंधे पर एक अशोक स्तम्भ का सिम्बल और उसके नीचे आईपीएस लिखा होता है इसे मेट्रो सिटीज में एडिशनल Police कमिश्नर (अतिरिक्त पुलिस आयुक्त) कहा जाता है|
कितने वर्ष में बन जाते हैं PCS अफ़सर IAS अधिकारी
एडिशनल एसपी के प्रमोशन होने के बाद आप सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस बन सकते हैं इनके कंधे पर एक अशोक स्तम्भ का चिन्ह और एक स्टार होता है और उसी के नीचे आईपीएस (IPS) लिखा होता है | PPS सेवाओं में कार्यरत अधिकारीयों को भी एक लम्बा अनुभव तथा बेदाग करियर होने पर SP या SSP बनाया जाता है | इस तरह PPS का प्रमोशन IPS में होता है | जिन शहरों में कमिशनेरेट प्रणाली है इसे डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस DCP (जूनियर मैनेजमेंट ग्रेड) के नाम से भी जाना जाता है.
सीनियर सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) के कंधे पर एक अशोक स्तम्भ का चिन्ह, दो स्टार और उसी के नीचे आईपीएस लिखा होता है| पुलिस आयुक्त प्रणाली में इसे डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (सिलेक्शन ग्रेड) के नाम से भी जानते है| किसी बड़े ज़िले के पुलिस विभाग का ये हेड या मुखिया होता है| वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक (SSP/SP) रैंक के अधिकारी होते हैं, जिन्हें डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) कहा जाता है।
डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस (पुलिस उपमहानिरीक्षक) के कंधे पर एक अशोक स्तम्भ का चिन्ह, तीन स्टार और उसके नीचे IPS लिखा होता है.
इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस (पुलिस महानिरीक्षक) के कंधे पर एक स्टार और छड़ी कर्पाण से एक क्रॉस बना होता है और उसी के नीचे IPS लिखा होता है| पुलिस महानिरीक्षक (IG) रैंक के अधिकारी होते हैं, जिन्हें आयुक्त प्रणाली में ज्वाइंट सीपी (Joint CP) कहा जाता है। यह एक जोन का सबसे बड़ा अधिकारी होता है
एडिशनल डायरेक्ट जनरल ऑफ़ पुलिस (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक) के कंधे पर एक एक अशोक स्तम्भ और छड़ी कर्पाण से एक क्रॉस का चिन्ह बना होता है और उसी के नीचे आईपीएस लिखा होता है.| पुलिस आयुक्त प्रणाली में पुलिस कमिश्नर (CP), अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) रैंक के अधिकारी को बनाया जाता है।
किसी भी राज्य में DGP का पद सर्वोच्च होता है| इनके कंधे पर एक अशोक स्तम्भ का चिन्ह और छड़ी कर्पाण का चिन्ह बना होता है | उसी के ठीक निचे आईपीएस लिखा हुआ होता है| यह राज्य पुलिस विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी होता है|
तो ये थी जानकारी कि पुलिस सिस्टम में पद कौन कौन से होते हैं | पुलिस विभाग में कौन कौन से पद होते हैं
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