गौरतलब है कि आठवीं अनुसूची में संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त 22 प्रादेशिक भाषाओं का उल्लेख किया गया है. इस अनुसूची में 1950 में 14 भाषाएं (असमिया, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, मराठी, मलयालम, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, उर्दू) थीं.
बाद में 1967 में सिंधी को तो कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली को 1992 में शामिल किया गया, जिससे इन भाषाओं की संख्या 18 हो गई. इसके बाद 2003 में बोडो, डोगरी, मैथिली, संथाली को शामिल किया गया और इस प्रकार इस अनुसूची में 22 भाषाएं शामिल हो गईं.
आठवीं अनुसूची से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
भारत की भाषाई विविधता
इस पोस्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि असिस्टेंट कमांडेंट कैसे बने या सहायक…
दोस्तों शिक्षण का पेशा हमेशा से ही सम्मान से भरा रहा है | अगर आप…
PCS से IAS अधिकारी : IAS अधिकारी का पद देश के प्रतिष्ठित पदों में से…
आप ने अपने मोहल्ले , या शहर में तमाम मेडिकल स्टोर की दूकाने देखी होंगी…
डाटा एंट्री ऑपरेटर बनने के लिए आपको कुछ आवश्यक कौशल, योग्यताएं और अनुभव प्राप्त करने…
दोस्तों आज हम आपको बताने जा हैं कि Career in forensic science - फॉरेंसिक साइंस में करियर…