दोस्तों उत्तर प्रदेश की कई सारी परीक्षाओं में उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश पीसीएस परीक्षा , PET Exam तथा समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी जैसी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र में उत्तर प्रदेश विशेष (UP Special GS) से कई प्रश्न पूछे जातें हैं जिसमे से उत्तर प्रदेश की जनजाति आबादी से सम्बंधित कई प्रश्न होते हैं | आज की इस पोस्ट में हम उत्तर प्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ, उत्तर प्रदेश के जनजाति से संबंधित कई सारे तथ्यों को जानने का प्रयास करेंगे ताकि हम उत्तर प्रदेश समीक्षा अधिकारी सहायक समीक्षा अधिकारी अथवा उत्तर प्रदेश पीसीएस या पेट एग्जाम में उत्तर प्रदेश की जनगणना से संबंधित उत्तर प्रदेश की जनजाति से संबंधित सभी प्रश्नों का उत्तर दे सकें
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों की संख्या 1134273 है यह प्रदेश की कुल जनसंख्या का .57% है राज्य में अनुसूचित जातियों का लिंगानुपात 951 है उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक अनुसूचित जनजाति वाले 5 जनपद निम्न है और वही क्रम में सोनभद्र बलिया देवरिया कुशीनगर तथा ललितपुर सबसे कम अनुसूचित जनजातियों की संख्या क्रमशः बागपत कन्नौज बदायूं एटा औरैया एवं कासगंज जिलों में है|
उत्तर प्रदेश की प्रमुख जनजातियां है
भुईया , भुनिया, पटारी, अगरिया, बैगा, परहिया, चेरो , पंखा, सहरिया , खरवार ,गोंड बुक्सा ,महीगीर,थारू उत्तर प्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ हैं
क्र0 | जनजाति का नाम | जिला |
---|---|---|
1 | गोंड, ओझा, धुरिया, नायक, पथारी और राजगोंड | महराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर और सोनभद्र |
2 | खरवार, राजगोंड | देेवरिया, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी और सोनभद्र |
3 | सहरिया | ल्लितपुर |
4 | परहिया, बैगा, अगारिया, पटारी, भुइयां | सोनभद्र |
5 | पंखा, पानिका | सोनभद्र एवं मिर्जापुर |
6 | चेरो | सोनभद्र ओर वाराणसी |
7 | थारू | गेारखपुर |
8 | बुक्सा या भोक्सा, महीगीर | बिजनौर |
PCS Exam / ARO-RO Exam तथा PET एग्जाम के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न
Question : उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा जनजाति कौन सी है?
Answer : थारू उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे अधिक आबादी वाली जनजाति है। सरकार ने 1967 में थारस को अनुसूचित जनजाति के रूप में अधिसूचित किया।
Question : उत्तर प्रदेश में बुक्सा या भोक्सा जनजातियाँ कहाँ रहती हैं?
Answer : सही उत्तर बिजनौर है। बुक्सा, जिसे भोक्सा भी कहा जाता है, स्थानीय लोग हैं जो मुख्य रूप से भारतीय राज्यों उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में रहते हैं। वे ज्यादातर बाहरी हिमालय की तलहटी में देहरादून और नैनीताल जिलों में रहते हैं। वे उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में भी पाए जाते हैं, जहाँ उन्हें मेहरा के नाम से जाना जाता है
Question : उत्तर प्रदेश की कौन सी जनजाति इस्लाम धाम को मानती है ?
Answer: महगीर जनजाति उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में पायी जाती है और ये लोग इस्लाम के अनुयायी होते हैं | इसके अलावा सहारनपुर, जलालाबाद, किरतपुर, मनेरा एवं मण्डवार में भी निवास करते है। इस जनजाति का मुख्य व्यवसाय मछली पालन है एवं इसके साथ-साथ शिकार करते है। महगीर जनजाति के लोग एक विशेष भाषा का इस्तेमाल करते है, जो खड़ी बोली से मिलती जुलती है। महगीर जनजाति के लोग अपने समुदाय में ही विवाह करते है। इस जनजाति का मुख्य भोजन के रूप में मांस का प्रयोग करते है। महगीर जनजाति का सामाजिक संगठन सरल होता है ये लोग अपनी आवश्यताओं की पूर्ति हेतु स्वयं साधन उपलब्ध करते है। महगीर जनजाति में शिक्षा का काफी अभाव है।
Question : कौन सी जनजाति दीपावली को शोक के रूप में मनाती है
Answer : थारू जनजाति
Question : परहरिया जनजाति निवास करती है
Answer – सोनभद्र
Question: बहु विवाह व्यवस्था को कौन सी जनजाति आश्रित करती है
Answer-: जौनसारी जनजाति
Question :उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति है (Very Important) UPPSC 2008, UPPCS 2014 Main, ARO , Lower 2014
थारू जनजाति
उत्तर प्रदेश की जनजातियों से सम्बंधित कुछ तथ्य
- जौंनसारी जनजाति को खस जाति का वंशज माना है. “खस लोग सामान्यता लंबे, सुंदर, गोरे चिट्टे, गुलाबी और पीले होते हैं. उनका सिर लंबा, नाक तीखी या लंबी पतली, ललाट खड़ा, आंखें धुंधली नीले बाल घुँघराले, छीटों वाली, तथा अन्य विशेषताओं वाले सुंदर ढंग से संवारे गये होते हैं. इस जनजाति की स्त्रियाँ तुलनात्मक दृष्टि से लंबी, छरहरी काया वाली और आकर्षक होती हैं.
- वर्ष 2003 में केंद्र सरकार ने प्रदेश में 10 नई अनुसूचित जनजातियों को सूचीबद्ध किया था इससे राज्य में सूचीबद्ध जनजातियों की संख्या 12 हो गई थी
- जौनसारी समुदाय के मुख्य त्यौहार बिस्सू (बैसाखी) , पंचाई (दशहरा), दियाई (दिवाली), नुणाई , अठोई आदि है ये दीपावली को एक माह बाद मनाते है
- हारुल, रासों, घुमसू , झेला, धीई, तांदी, मरोज , पौणाई आदि इनके प्रमुख्य नृत्य है
- थारू जनजाति उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र गोरखपुर महाराजगंज श्रावस्ती बहराइच तथा लखीमपुर खीरी जनपदों के उत्तरी भागों में निवास करते हैं}
- थारू जनजाती के लोगो में बदला विवाह प्रथा तथा तीन टिकठी विवाह प्रथा प्रचलित है , थारुओ में दोनों पक्षो से विवाह तय हो जाने को पक्की पोड़ी कहा जाता है
- थारू जनजाति द्वारा होली के मौके पर खिचड़ी नृत्य किया जाता है