झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर दो के लिए हिंदी भाषा वाले अभ्यर्थियों के लिए तथा अन्य परीक्षा में हिंदी समास से कई सारे प्रश्न पूछे जाते हैं| इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाने वाले समास के महत्वपूर्ण प्रश्न तथा समास कितने प्रकार के होते हैं और समास के क्या-क्या उदाहरण हैं इसके बारे में आपको बताने वाले हैं
परीक्षा की दृष्टि से पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण समास प्रश्न
किस समास के दोनों पद अप्रधान होते हैं-बहुव्रीहि समास
- विशेषण और विशेष्य के योग से कौन सा समास बनता है-कर्मधारय समास
- धक्का मुक्की शब्द किस समास का उदाहरण है-द्वंद समास
- परमेश्वर शब्द किस समाज का उदाहरण है कर्मधारय समास
- निशाचर शब्द किस समास का उदाहरण है-तत्पुरुष समास
- गगनचुंबी शब्द किस समास का उदाहरण है-तत्पुरुष समास
- दीनानाथ शब्द किस समास का उदाहरण है -कर्मधारय समास
- पीतांबर शब्द के समास का उदाहरण है बहुव्रीहि समास
- चरण कमल में प्रयुक्त समास है-कर्मधारय समास
- तन मन धन शब्द किस समास का उदाहरण है-द्वंद समास
- लंबोदर शब्द किस समास का उदाहरण है बहुव्रीहि समास
- दशमुख शब्द के समास का उदाहरण है-बहुव्रीहि समास
- पाप पुण्य शब्द किस समास का उदाहरण है-द्वंद समास
- देश प्रेम उदाहरण है-तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास की परिभाषा क्या है ? समास के महत्वपूर्ण प्रश्न
जिस शब्द का अंतिम पद प्रधान हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं-जैसे राजा का कुमार राजकुमार, धर्म करत धर्म रथ
तत्पुरुष समास में को, से, के लिए, पर , में, का,की,के जैसे शब्दों का लोप हो जाता है उसे तत्पुरुष समास कहते हैं
देव का घर- देवघर
राजपूत-यानी कि राजा का पुत्र
प्रेम मगन-प्रेम में मगन
घुड़सवार अर्थात घोड़े पर सवार
यह सारे ही उदाहरण तत्पुरुष समास के हैं|
कर्मधारय समास की परिभाषा
जिस समस्त पद का बाद वाला पद प्रधान हो तथा पहले पद और बाद वाले पद में विशेषण विशेष का संबंध हो उसे कर्मधारय समास कहते हैं
कमल नयन-कमल के समान नयन
चंद्रमुखी-चंद्रमा के समान मुख वाले
नीलकंठ-नीला है जो कंठ
मृगनयन-मृग के समान नयन
घनश्याम-घन के समान श्याम
अव्ययीभाव समास के महत्वपूर्ण प्रश्न
इस समास में समस्त पद का प्रथम पद अव्यय होता है और अंतिम पद संज्ञा परंतु पहले पद की ही प्रधानता रहती है उदाहरण के तौर पर
प्रतिदिन-दिन-दिन, प्रत्येक-एक-एक के प्रति
बेलगाम-बिना लगाम के
यथाशक्ति-शक्ति के अनुसार
यथा विधि-विधि के अनुसार
बारंबार-बार-बार
आजीवन-जीवन भर
सपरिवार-परिवार के साथ
यथाशीघ्र-जितना शीघ्र हो
द्विगु समास की परिभाषा और उदाहरण समास के महत्वपूर्ण प्रश्न
यदि किसी सामासिक पद में प्रथम पद संख्यावाचक शब्द हो एवं द्वितीय पद संज्ञा शब्द हो तथा समस्त पद समूह का बोध करवाए तो उसे द्विगु समास कहते हैं।
उदाहरण के लिए
त्रिभुज, चतुर्भुज, त्रिपाठी, सतसई, अठन्नी, चवन्नी, चतुष्पति, अष्टाध्याई, पंचवटी, त्रिलोकी
द्वंद समास की परिभाषा एवं उदाहरण
द्वंद का अर्थ होता है जोड़ा या युग्म प्रकार अंतर से
जिस समस्तपद में दो या तीन संज्ञा हो तथा उनके बीच और अथवा या जैसे समुच्चयबोधक शब्दों का लोप हो वहां द्वंद समास होता है
उदाहरण के लिए
पाप पुण्य, उच्च नीच, अच्छा बुरा, चूहा बिल्ली, थोड़ा बहुत, नदी नाले, आगे पीछे, छल कपट, देव दानव, रामकृष्ण, भाई-बहन, हाथ पांव, लाभ हानि, रुपया पैसा, तन मन धन, भूल चूक, मां-बाप, बेटी, रोटी दाल, बहु बेटी, राम लक्ष्मण, अपना पराया, ठंडा गरम, लव कुश, देश विदेश, रामकृष्ण, नमक मिर्च, दूध रोटी, सुख-दुख, नर नारी, लोटा डोरी, सीताराम, राधे कृष्णा, राधे श्याम
हिंदी में बहुव्रीहि समास
जिस समास के समस्त पद मिलकर किसी तीसरे पद की तरफ संकेत करते हैं उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं
नीलकंठ-नीला है कंठ जिसका-भगवान शिव
त्रिनेत्र-तीन है नेत्र जिनके-भगवान शिव
पीतांबर- पीला है जिनका कपड़ा भगवान कृष्ण भगवान विष्णु
लंबोदर लंबा है उदर जिनका-भगवान गणेश
महावीर= महान वीर है वह-प्रभु श्री हनुमान
चंद्रशेखर-चंद्रमा है जिसके सर पर-भगवान भोलेनाथ
अगर आप झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा के हिंदी के सिलेबस के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो हमारी पोस्ट को पढ़ें
[…] […]