एडवोकेट, अधिवक्ता, वकील , लॉयर कैसे बने – Law के बाद करियर

दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि लॉ करने के बाद अधिवक्ता कैसे बने , एडवोकेट कैसे बने या वकील कैसे बनेसफल वकील कैसे बनेHow to Be a Lawyer  या लॉयर कैसे बने– हम यहाँ बात सरकारी वकील की नहीं अपितु बल्कि निजी प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता के बारे में बात कर रहे हैं – All हम आज आपको  Bar Examination के बारे में बताने जा रहे हैं

एडवोकेट कैसे बने अधिवक्ता कैसे बने वकील कैसे बने – How to Be a Lawyer 

एडवोकेट कैसे बने – अधिवक्ता कैसे बने वकील कैसे बने – How to Be a Lawyer

हालाँकि एक सफल वकील या अधिवक्ता के तौर पर आप को खुद को स्थापित करने में वक़्त लग सकता है ,मगर कड़ी मेहनत और कानून की बारीक जानकारी से आप कुछ ही वर्षों में एक सफल एडवोकेट बन सकते हैं | आपकी ये म्हणत आगे चल कर न्यायमूर्ति के पद तक पंहुचा सकती है | आज देश के किसी भी कोर्ट में प्रैक्टिस के लिए आपको दो चरणों से गुज़रना पड़ता है|

  यदि आप लॉ कर रहे हैं और कोर्ट में प्रैक्टिस करने का मन बना चुके हैं, तो आपको लॉ की डिग्री लेने के बाद एक और परीक्षा से गुजरना होगा। यह परीक्षा बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council of India) लेगी। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद आप कोर्ट में प्रैक्टिस करने का अधिकार प्राप्त कर लेंगे

वकालत की पहली सीढी क्या है 

यदि आप कानून (Law) के पेशे में एक वकील के तौर पर करियर बनाना चाहते हैं तो पहले आपको बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्य पाठ्यक्रम के तहत किसी विधि शिक्षण संस्थान (Law Institute) से तीन अथवा पांच वर्षीय एलएलबी (Bachelor of Law) की डिग्री हासिल करनी होगी। तीन वर्षीय एलएलबी करने के लिए किसी भी विषय में स्नातक एवं पांच वर्षीय कोर्स करने के लिए इंटरमीडिएट होना अनिवार्य है। लॉ में एडमिशन के लिए देश के प्रमुख यूनिवर्सियों में एंट्रेंस टेस्ट होता है।

एडवोकेट कैसे बने – अधिवक्ता कैसे बने – वकील कैसे बने – How to Be a Lawyer 

राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न लॉ विश्वविद्यालयों (Law Universities) के द्वारा संचालित की जाने वाली प्रवेश परीक्षा (Entrance Examination) का तरीका अलग-अलग होता है। सभी लॉ विश्वविद्यालय अपने पांच वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम में लिखित प्रवेश परीक्षा (Written Entrance Examination) के आधार पर प्रवेश देते हैं। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualifications) कम से कम पचास प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

लॉ में स्नातक करने के लिए विभिन्न शिक्षण संस्थान (Educational Institutions) प्रतिवर्ष प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं। प्रत्येक विश्वविद्यालय अपनी प्रवेश परीक्षा का तरीका बदलता रहता है, ताकि परीक्षार्थी (Candidate) परीक्षा के बंधे बंधाए ढर्रे के अनुसार तैयारी न कर सकें। इस प्रकार से परीक्षा काफी प्रतिस्पर्धात्मक (Competitive) हो जाती है। इस तरह ऐसे विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में दाखिले की संभावना अधिक होती है, जो इस बारे में गंभीर हैं। इसके अलावा क्लैट के माध्यम से भी लॉ से संबंधित यूजी और पीजी कोर्स कर सकते हैं। यदि आपने लॉ ग्रेजुएशन कर लिया तो समझो वकील बनने की पहली सीढी पर पैर रख दिया।

वकालत की दूसरी सीढी क्या है 

एडवोकेट बनने की दूसरी सीढी चढने के लिए अब ऑल इंडिया बार काउंसिल (All India Bar Council) द्वारा आयोजित परीक्षा को  पास करना होगा।इस  परीक्षा पास करने के बाद आपको एक वर्ष इंटर्नशिप भी करनी होगी। उसके बाद आप कोर्ट में प्रैक्टिस कर सकेंगे। इस संबंध में जानकारों  का कहना है कि यदि इसका समावेश एक्ट में हो जाता है और स्टेट बार काउंसिलों की सहमति भी हो जाती है, तो सच में  यह परीक्षा काफी उपयोगी साबित  हो सकती है।

वकील बनने के लिए अब होंगे एग्जाम

जैसा कि हमने आपको बताया कि यदि आप वकील के पेशे को करियर के रूप में अपनाना चाहते हैं, तो दो प्रवेश परीक्षाओं से गुजरना होगा। पहली एलएलबी में एडमिशन के लिए एवं दूसरी लॉ की डिग्री हासिल करने के उपरांत ऑल इंडिया बार एग्जॉमिनेशन-एआईबीई (All India Bar Examination) पास करने के लिए। ऐसी परीक्षा बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने देशभर में पहली बार वर्ष 2010 में आयोजित की थी।

ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन परीक्षा का पैटर्नं

ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन में 100 प्रश्न होंगे, जो बार काउंसिल द्वारा तीन एवं पांच वर्षीय एलएलबी के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम से पूछे जाएंगे। प्रश्न बहुविकल्पीय (Multiple Choice) होंगे एवं परीक्षा की अवधि साढे तीन घंटे रखी गई है। एग्जाम में आने वाले संपूर्ण पाठ्यक्रम को दो कैटेगरी में डिवाइड किया गया है। दोनों कैटेगरी में संपूर्ण पाठ्यक्रम को 1 से 20 चेप्टरों में डिवाइड किया गया है। प्रथम कैटेगरी में 1 से 11 तक के चेप्टर रखे गए हैं। प्रत्येक से सात प्रश्न आएंगे। दूसरे कैटेगरी में 12-20 चेप्टर रखे गए हैं, जिसमें से 23 प्रश्नों के उत्तर देने होंगे।

ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन की नौ भाषाओं में होगी परीक्षा

ऑल इंडिया बार काउंसिल परीक्षा नौ भाषाओं में होगी, जिसमें हिन्दी,तेलुगू, तमिल, कन्नड, मराठी, बंगाली, गुजराती, उडिया और अंग्रेजी भाषा शामिल है।

एडवोकेट कैसे बने – अधिवक्ता कैसे बने – वकील कैसे बने – How to Be a Lawyer 

ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन में किससे कितने प्रश्न

कैटेगरी-1

1.अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेजोल्यूशन .. 7 2.सिविल प्रोसीजर कोड (सी.पी.सी.) ऐंड लिमिटेशन एक्ट .. 7 3.कॉन्स्टीट्यूशनल लॉ .. 7 4.कॉन्ट्रेक्ट लॉ, इनक्लूडिंग स्पेसिफिक रिलीफ, स्पेशल कॉन्ट्रेक्ट ऐंड नेगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंट्स .. 7 5.क्रिमिनल लॉ : इंडियन पैनल कोड (आई.पी.सी.) .. 7 6.क्रिमिनल प्रोसीजर .. 7 7.ड्रॉफ्टिंग, प्लीडिंग ऐंड कन्वेंसिंग .. 7 8.इवीडेंस .. 7 9. ज्यूरिसप्यूडेंस .. 7 10.प्रोफेशनल एथिक्स ऐंड प्रोफेशनल कोड ऑफ कंडक्ट फॉर एडवोकेट्स .. 7 11.प्रॉपर्टी लॉ .. 7

कैटेगरी- दो

आप इनमें से किसी पांच चेप्टर से च्वाइस के अनुसार 23 प्रश्रनें के उत्तर दे सकते हैं।

12.एडमिनिस्ट्रेटिव लॉ

13.कम्पनी लॉ

14.एन्वॉयरनमेंटल लॉ

15.फैमिली लॉ

16.ह्यूमन राइट्स लॉ

17.लेबर ऐंड इंडस्ट्रियल लॉ

18.लॉ ऑफ टार्ट इनक्ल्यूड मोटर वेहिकल एक्सीडेंट्स ऐंड कंज्यूमर प्रोटक्शन लॉ

19.प्रिंसिपल ऑफ टेक्सेशन लॉ

20.पब्लिक इंटरनेशनल लॉ

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वकालत के पेशें में बेहतर और नए करियर

एन्वॉयरनमेंटल लॉयर (Environmental Lawyer)

एन्वॉयरनमेंट लॉ में उन चीजों को नष्ट होने से बचाने की बात की जाती है, जो हमें प्रकृति की तरफ से प्राप्त हुई हैं। इन मामलों में कई बार पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन दायर की जाती हैं, जिसके लिए एन्वॉयरनमेंटल लॉ में निपुण लोगों की डिमांड होती है। इसके अलावा ऐसे एनजीओ में भी ऐसे लोगों की मांग होती है, जो एन्वॉयरनमेंट से जुडे मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।

साइबर लॉयर (Cyber ​​Lawyer)

इस समय देश में ऑनलाइन और साइबर अपराध से जुडे मामले भी प्रकाश में आने लगे हैं। इसमें खासकर फर्जी और धमकी भरे ई-मेल भेजना, कंपनियों के साथ धोखा-धडी, सॉफ्टवेयर की चोरी, एसएमएस हैकिंग, मोबाइल की क्लोनिंग आदि शामिल हैं। इन सब को देखते हुए ही कंप्यूटर और नेटवर्क सुरक्षाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जाने लगा है। आपके पास कंप्यूटर एवं डिजिटल फॉरेंसिक एक्सपर्ट बनने का भी सुनहरा अवसर है।

पेंटेट एंड कॉपीराइट लॉयर (Patent and Copyright Lawyer)

पेटेंट एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके तहत किसी भी नई खोज से बनने वाले प्रोडक्ट पर एकाधिकार दिया जाता है। अगर कोई थर्ड पार्टी वह प्रोडक्ट बनाना चाहती है, तो उसे इसके लिए लाइसेंस लेना पडता है और उस पर रॉयल्टी देनी पडती है। बौद्धिक सम्पदा बिजनेस कंपीटेंस के प्रमुख क्षेत्र के रूप में उभरा है। भारत में भी इससे संबंधित प्रोफेशनल्स की काफी मांग है।

लेबर लॉयर (Labor Lawyer)

कर्मचारियों के अधिकार एवं उनकी समस्याओं के समाधान के लिए लेबर लॉ बनाया गया है। इन दिनों इस क्षेत्र से संबंधित समस्याएं अदालत में काफी संख्या में हैं। आप इसमें भी बेहतर करियर बना सकते हैं।

इंटरनेशनल लॉयर (International Lawyer)

इंटरनेशनल लॉ का अर्थ होता है अंतरराष्ट्रीय कानून। इसके तहत विभिन्न राष्ट्रों के राष्ट्रीय हितों के मध्य उत्पन्न होने वाली समस्याओं को कानून के द्वारा सुलझाया जाता है। यदि आपकी अंग्रेजी अच्छी है और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं में रुचि है, तो यह क्षेत्र आपके लिए उपयुक्त है।

कॉरपोरेट लॉयर (Corporate Lawyer)

विभिन्न प्रकार के उद्योग व्यापारों के दौरान कर समस्याओं एवं अन्य प्रकार की समस्याओं का समाधान करना इनका मुख्य काम है। कारॅपोरेट क्षेत्रों में इस तरह के विशेषज्ञों की खासी मांग है।

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लॉ में एडमिशन कैसे लें

क्लैट से लें एंट्री कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट

यदि आप इंटरमीडिएट के बाद देश के अच्छे संस्थान से लॉ ग्रेजुएट की उपाधि हासिल करना चाहते हैं तो क्लैट परीक्षा उत्तीर्ण करनी पडेगी। देश के 11 नेशनल लॉ विश्वविद्यालयों में लॉ ग्रेजुएशन करने के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। आप इनमें से किसी एक विश्वविद्यालय में एडमिशन ले सकते हैं।

पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम

क्लैट परीक्षा पास करके मास्टर ऑफ लॉ (एलएलएम) में भी प्रवेश पा सकते हैं। प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए वही लॉ ग्रेजुएट पात्र हैं, जिन्होंने 55 प्रतिशत अंकों के साथ एलएलबी की डिग्री हासिल की हो। यदि आपके पास न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक है, तो आप पीजी कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।

अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम

क्लैट परीक्षा के लिए वही स्टूडेंट्स योग्य हैं, जिन्होंने सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बोर्ड या संस्थान से बारहवीं की परीक्षा किसी भी स्ट्रीम से 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 45 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य होता है।

अंडर ग्रेजुएट कोर्स लॉ के टेस्ट पेपर का पैटर्न कैसा होता है 

अंडर ग्रेजुएट कोर्स में प्रश्नपत्र दो सौ अंकों का होता है, जिसमें अंग्रेजी, जीएस, गणित, कानूनी ज्ञान, लॉजिकल रीजनिंग से प्रश्रन् पूछे जाते हैं। पीजी का प्रश्नपत्र भी दो सौ अंकों का होगा, जिसमें ऑब्जेक्टिव, लघुउत्तरीय, निबंधात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें बेहतर करनेके लिए जरूरी है कि आप पहले से इसकी तैयारी करें।

तो दोस्तों ये थी जानकारी कि एडवोकेट कैसे बने – अधिवक्ता कैसे बने – वकील कैसे बने – अगर आपको ये पोस्ट पासंग आई हो तो कृपया इस अधिक से अधिक शेयर करने का प्रयास करे ताकि और लोगों को लॉ में करियर आप्शन कीजानकारी मिल सके

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