Judge Kaise bane न्यायाधीश कैसे बने न्यायमूर्ति कैसे बने जज कैसे बने- How become a Judge and Justice in hindi- दोस्तों भारतीय लोकतंत्र में कार्यपालिका व्यवस्थापिका और न्यायपालिका तीनों रंगों में न्यायपालिका का स्थान उच्च है| किसी भी कानून के स्टूडेंट या Law के स्टूडेंट का यह सपना होता है जो न्यायपालिका में जज बने| अगर आप भी लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद जज यानी कि न्यायधीश बनने का सपना देख रहे है तो इस पोस्ट में हम आपको डिटेल में बताएंगे किJudge Kaise bane न्यायाधीश कैसे बने न्यायमूर्ति कैसे बने जज कैसे बने- How become a Judge in hindi।
न्यायालय के प्रकार (Types of Courts in India Hindi)
भारत में उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, जिला और अधीनस्थ न्यायालय, ट्रिब्यूनल, फास्ट ट्रेक कोर्ट और लोक अदालत यह 6 प्रकार के न्यायालय स्थापित किए गए हैं
आमतौर पर भारतीय न्याय व्यवस्था में न्यायालय को तीन स्तर पर बांटा गया है
- सुप्रीम कोर्ट या सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 124 से 147
- हाईकोर्ट उच्च न्यायालय अनुच्छेद 214 से 237
- डिस्टिक कोर्ट या जिला न्यायालय या अधीनस्थ न्यायालय
भारत मे जज (न्यायाधीश) का अहम पद होता है, जिसमे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति का बहुत ही अहम पद माना जाता है। इसलिए Judge/ Justice का पद बहुत ही जिम्मेदारियों से भरा हुआ पद होता है और इस पद पर आसीन व्यक्ति को कानून में उच्च स्तर की जानकारी हासिल होनी चाहिए। इसके साथ ही सूझ- बूझ तथा न्यायसंगत से भी परिपूर्ण होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट भारत मे सबसे सर्वोपरि होता है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भारतीय न्याय व्यवस्था में सबसे बड़े अधिकारी होते हैं| इन्हें शार्ट में CJI भी कहते हैं| इस समय भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री डीवाई चंद्रचूड़ जी हैं| कुछ वर्ष पहले यह इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं
जिला न्यायालय में जूनियर डिवीजन जज
किसी भी District कोर्ट में जज बनने की सबसे पहली सीढ़ी ये है कि आपके पास Law की डिग्री होनी चाहिए। Law Course को 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है। 12वीं के बाद BA LLB 5 बर्षीय कोर्स कर सकते हैं और अगर आप ग्रेजुएशन पास कर चुके हैं तो इसके बाद आप LLB 3 बर्षीय डिग्री कर सकते हैं।।
जूनियर डिवीजन सिविल जज (पहले मुंसिफ कहा जाता था) या मजिस्ट्रेट बनने के लिए अभ्यर्थी को PCS (J) की परीक्षा देनी होगी जो तीन चरणों में होती है| पहले PRE EXAM PCS (J) एग्जाम होता है और फिर मुख्य परीक्षा होती है और मुख्य परीक्षा में क्वालीफाई होने वाले कैंडिडेट्स का इंटरव्यू होता है और उसके बाद फाइनल सिलेक्शन होता है| पीसीएस जे परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद अभ्यर्थी की नियुक्ति Additional Civil Judge (Junior Division) के पद पर होती है| 1 साल के बाद प्रोन्नति पाकर व्यक्ति Civil Judge की पोस्ट पर नियुक्त होता है | बाद में JM, CJM , ADJ और आखरी में जिला न्यायाधीश (Session and District Judge) तक प्रमोशन हो सकता है
District Court me HJS Exam Se Judge Bane
जिला न्यायालय में अतिरिक्त जिला जज की पोस्ट पर भी आप एग्जाम के थ्रू नियुक्ति पा सकते हैं| Law की पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद आप एक अधिवक्ता के तौर पर पंजीकृत होते हैं| 7 सालों के अनुभव के बाद हाई कोर्ट द्वारा आयोजित एचजेएस एग्जाम के थ्रू आप सीधे ADJ (Additional District Judge) (Senior Division) बन सकते हैं| HJS Exam बैठने के लिए Candidate की उम्र 42-45 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए और 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए
Law Entrance Exam in India
किसी भी फेमस और रेपुटेड कॉलेज में एडमिशन के लिए आप CLAT (Common Law Admission Test ) एग्जाम दे सकते हैं। यह राष्ट्रीय स्तर का का EXAM होता है। जिसके माध्यम से आप देश के Top Law College में एडमिशन पाते हैं। इसके अतिरिक्त और भी अन्य स्टेट लेवल के law entrance exam आयोजित किये जाते हैं। आप इनके माध्यम से स्टेट लेवल की लॉ कॉलेज या University में Admission ले सकते हैं।
- Allahabad University
- Banaras Hindu University
- National Law College
- Delhi University
- JNU
- Lucknow University
High Court Judge (Justice) Kaise Bane
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने की योग्यता (High Court Judge Eligibility)
अनुच्छेद 217 के अनुसार कोई व्यक्ति किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के लिए योग्यता इस प्रकार है–
- भारत का नागरिक हो और 62 वर्ष की आयु पूरी न की हो।
- कम से कम 10 वर्ष तक न्यायिक पद पर कार्य कर चुका हो
- किसी उच्च न्यायालय में एक या से अधिक उच्च न्यायालयों में लगातार 10 वर्ष तक अधिवक्ता रहा हो। किसी उच्च न्यायालय का अधिवक्ता रहने की अवधि की गणना करते समय वह अवधि भी सम्मिलित की जाएगी, जिसके दौरान किसी व्यक्ति ने अधिवक्ता होने के पश्चात् न्यायिक पद पर कार्य किया है
- उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए कोई न्यूनतम आयु निर्धारित नहीं है, और सर्वोच्च न्यायालय के विपरीत, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में प्रतिष्ठित न्यायविद् की नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के अतिरिक्त अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश से, उस राज्य के राज्यपाल से तथा सम्बन्धित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करके की जाती है। उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश राज्य के राज्यपाल के पास प्रस्ताव भेजता है और राज्यपाल उस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री से परामर्श करके उसे प्रधानमंत्री के माध्यम से राष्ट्रपति के पास भेजता है। राष्ट्रपति उस प्रस्ताव पर भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करके न्यायाधीश की नियुक्ति करता है।
न्यायाधीश और न्यायमूर्ति में क्या अंतर होता है
लोअर कोर्ट अर्थात जिला न्यायालय के जज को हम न्यायधीश कहते हैं वहीं पर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस को हम हिंदी में न्यायमूर्ति कहते हैं|
वकालत के अतिरिक्त भी हैं Law में करियर
सर्वोच्च न्यायालय में Justice Ya Judge Kaise Bane
सुप्रीम कोर्ट जज बनने हेतु योग्यता (Eligibility For Supreme Court Judge)
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने वाले व्यक्ति में होनें वाली योग्यताएँ इस प्रकार है-
- व्यक्ति भारत का नागरिक हो |
- कम से कम पांच साल के लिए उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या दो से अधिक न्यायालयों में लगातार कम से कम पांच वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुका हो |
- किसी उच्च न्यायालय या न्यायालयों में लगातार दस वर्ष तक अधिवक्ता रह चुका हो |
- वह व्यक्ति राष्ट्रपति की राय में एक प्रतिष्ठित विधिवेक्ता होना चाहिए |
- न्यायाधीश के लिए सेवा का कोई निश्चित कार्यकाल नहीं है. वह 65 वर्ष की आयु के पूरा होने तक अपनी सेवा को जारी रखते हैं |
सर्वोच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के परामर्शानुसार की जाती है
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